Saturday, June 4, 2016

खुदको पहले नमन करें हम

पत्थर पत्थर पूजे हमने -
मंदिर मंदिर गमन करें हम .
इससे बेहतर तो है यारो -
खुद को पहले नमन करें हम .

इंसानों की दुनिया है ये
पत्थर में फिर रखा क्या है .
घर पत्थर मंदिर भी पत्थर
पत्थर का दिल पत्थर सा है .

रूठे देव नहीं पिघलेंगे -
ना ऐसा कुछ होने का है .
दीवारे संगमरमर की हों -
चाहे दीपक सोने का है .

हमसे अच्छा बेहतर ना हो
कोई भी इस कायनात में .
वही प्रभु को प्यारा होता -
जिसके दुनिया रहे साथ में .

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