खट्टी मीठी कुरमुरी सी
स्मृति बिखरी हैं प्यारे
समेटोगे कब इन्हें तुम
बज रहा घड़ियाल पूछे .
समेटोगे कब इन्हें तुम
बज रहा घड़ियाल पूछे .
क्या भला था क्या बुरा
कैसे हुए कमाल पूछे
उम्रकी चढ़ती कलाकी
रपटती ये ढाल पूछे .
कैसे हुए कमाल पूछे
उम्रकी चढ़ती कलाकी
रपटती ये ढाल पूछे .
जिंदगी सोना खरा था
चाहे धूरे में पड़ा था
विसंगति की चाल पूछे
क्यों हुए कंगाल पूछे .
चाहे धूरे में पड़ा था
विसंगति की चाल पूछे
क्यों हुए कंगाल पूछे .
कल तक था मैं दुलारा
अब ना कोई हाल पूछे
जा रहा हूँ मैं सदा को
ये पुराना साल पूछे .