करतूतें इन बाबाओं की -
खुली नहीं सचमे जितनी हैं .
बापू आशा राम नहीं इक
राधा मां जाने कितनी हैं .
खुली नहीं सचमे जितनी हैं .
बापू आशा राम नहीं इक
राधा मां जाने कितनी हैं .
छिपी हुई हैं खुली हुई कुछ
भैया की भाभी कितनी हैं .
बाबा की बाबी कितनी हैं -
ताले की चाबी कितनी हैं .
भैया की भाभी कितनी हैं .
बाबा की बाबी कितनी हैं -
ताले की चाबी कितनी हैं .
भीड़ बहुत है इनके पीछे -
हाथों में हथियार बहुत हैं
पहुंचे हुए फ़रिश्ते भी हैं -
छुट्टे लम्बरदार बहुत हैं .
हाथों में हथियार बहुत हैं
पहुंचे हुए फ़रिश्ते भी हैं -
छुट्टे लम्बरदार बहुत हैं .