Wednesday, March 18, 2020

मुस्कुराता भी नहीं हूँ

हूँ बहुत डरपोक अब
उनकी गली जाता नहीं हूँ
लाख बिगड़े बात लेकिन
अब बनाता भी नहीं हूँ
बात करता भी नहीं
यूँ बडबडाता भी नहीं हूँ
था कभी मुहजोर यारो
अब सताता भी नहीं हूँ
प्यार तुमसे ही किया
लेकिन बताता भी नहीं हूँ
दोस्ती बनती नहीं पर
खार खाता भी नहीं हूँ
पास भी रहता नहीं अब
दूर जाता भी नहीं हूँ
यार हंसने की कहो मत
मुस्कुराता भी नहीं हूँ

बेकार जैसा भी नहीं

सहज जैसा भी नहीं
दुश्वार जैसा भी नहीं
रंजिशों में भी नहीं पर
प्यार जैसा भी नहीं 
कर रहा हूँ प्यार पर
इकरार जैसा भी नहीं
शहद जैसा भी नहीं पर
खार जैसा भी नहीं 
आप जैसा भी नहीं
संसार जैसा भी नहीं
आजमा के देख लो
व्यवहार जैसा भी नहीं 
रूठता भी तो नहीं
मनुहार जैसा भी नहीं
सार जैसा कुछ नहीं -
बेकार जैसा भी नहीं