Thursday, June 18, 2015

मत अंगारों से तुम खेलो .

अडवानी हम सच कहते जी
अब ज्यादा मत इतराओ जी  .
रुखी सुखी खा मस्त रहो -
मोदीजी के गुण गाओ जी  .

चिंता में उम्र घटी जाती -
नहीं शीतल होती है छाती
ये भीषण समरकी बेला में
क्यों राजनीति तुमको भाती .

जब छोड़ दिया है सिंघासन
तू भीष्म पिता बनजा प्यारे .
जब अच्छे अच्छे हार गये
पर तेरे शौक अजब न्यारे .

गाओ अब मंगल गीत यार -
मोदी से दीक्षा तुम ले लो . .
जब सबके चौपट भेद खुले
मत अंगारों से तुम खेलो .

क्षणिकाएं

लटकाये पैर कबरमें अपने -

सपनों को सेते रहिये .

शर शैया तेरी सेज भली -

चुपचाप यूँहीं लेटे रहिये .



क्या उखाड़ लिया था 

जो अब उखाड़ लोगो .


अटल - अटल थे प्रभु 


तुम टलो तो अच्छा है .



 

ना सही गीत फ़साना तो है .

अकेला कट नहीं सकता सफ़र 
किसीका अब हमे होना तो है .
नींद आयी ना तुम आये मगर 
हुई जब रात फिर सोना तो है .

बुझा बुझा उदास सा यारो 
इस दिलको हसाना तो है .
महूब्ब्त ना हुई अच्छा हुआ -
ना सही गीत फ़साना तो है .

मैं खुदसे बात कर लेता जरुर -
मौसम कुछ आज सुहाना तो है .
ग़ज़ल वो आज तक लिखी नहीं 
उन्हें फिर लौटकर आना तो है .

खुदा फुर्सत उन्हें बक्शो जरा 
हाले दिल उनको सुनना तो है . 
चले गये तो याद आयेंगे जरुर . 
हमारे बाद ज़माना तो है .

हवाओं को खुला रखिये .

उसे मनाने में अपना जाता क्या है -
क्यों किसीको फिर खफा रखिये .

प्यारकी अर्जी भी पास होगी जरुर -
एक मर्तबा नहीं कई दफा रखिये .

नवाबी नजर पड जाए ना जाने कब
ग़ुरबत में दिल जरा बड़ा रखिये .

जान ले लेते हैं जान कहने वाले
प्यारमें भी यार फासला रखिये .

कौन सा झोका लाये उनका पयाम
बांधिए मत हवाओं को खुला रखिये .

Monday, June 8, 2015

जुर्माना सबका भर देता .

ना रिद्धि ना कोई सिद्धि है .
तू ज्यादा ही कुछ जिद्दी है .
विद्या तो महा अविद्या है .
प्रसिद्धा शतप्रतिशत सिद्धा है

माया साधन है साधक है
वो राधा सब आराधक है
लक्ष्मी की पूजा करो यार
मंदिर पूजा सब बाधक है .

ना दोस्त कहो जी दुश्मन है
ना टस्या है ना मस्या है .
मायापति की वो ही जाने -
माया खुद विकट समस्या है .

माया पाकिटमें होती तो -
जुर्माना सबका भर देता .
जयकारे से जय हो जाती -
जाने कितनों की कर देता .