बाहर आकर भी देख कभी
यमुना बदली है नालों में .
बंधकर जाने क्यों रहता है
इन मंदिर और शिवालों में .
यमुना बदली है नालों में .
बंधकर जाने क्यों रहता है
इन मंदिर और शिवालों में .
पंडों का धन ईमान प्रभु -
उनको तो चहिए दान प्रभु
तू भी रहता अनजान प्रभु .
है कहाँ तुम्हारा ध्यान प्रभु .
उनको तो चहिए दान प्रभु
तू भी रहता अनजान प्रभु .
है कहाँ तुम्हारा ध्यान प्रभु .
इस भीड़ भाड़ में अब तेरा
दिल जाने कैसे लगता है .
मंदिर में घंटों की ध्वनिसे -
क्यों सोया तू ना जगता है .
दिल जाने कैसे लगता है .
मंदिर में घंटों की ध्वनिसे -
क्यों सोया तू ना जगता है .
ठग विद्या बीती बात सखे
अब रातों को जग जगता है
छलिया सा अब तू नहीं यार
हर कोई तुझको ठगता है .
अब रातों को जग जगता है
छलिया सा अब तू नहीं यार
हर कोई तुझको ठगता है .