आर्त हूँ क्रंदन नहीं हूँ
अर्चना वंदन नहीं हूँ
भुक्ति हूँ भोगी नहीं हूँ
युक्त हूँ योगी नहीं हूँ
समर से भागा नहीं हूँ
सुसुप्ति में जागा नहीं हूँ
लिप्त हूँ बंधन नहीं हूँ
महक हूँ चन्दन नहीं हूँ
राव जैसा रण नहीं हूँ
भीष्म जैसा प्रण नहीं हूँ
राम जैसा भी नहीं हूँ
देवकी नंदन नहीं हूँ .
शोषितों में भी नहीं हूँ
पौषितों में भी नहीं हूँ
रोषितों जैसा नहीं पर
समन्दर मंथन नहीं हूँ
तय विजय न हार हूँ मैं
खुला यमका द्वार हूँ मैं
हर घडी जो मिट रहा है
स्वप्नमय संसार हूँ मैं
अर्चना वंदन नहीं हूँ
भुक्ति हूँ भोगी नहीं हूँ
युक्त हूँ योगी नहीं हूँ
समर से भागा नहीं हूँ
सुसुप्ति में जागा नहीं हूँ
लिप्त हूँ बंधन नहीं हूँ
महक हूँ चन्दन नहीं हूँ
राव जैसा रण नहीं हूँ
भीष्म जैसा प्रण नहीं हूँ
राम जैसा भी नहीं हूँ
देवकी नंदन नहीं हूँ .
शोषितों में भी नहीं हूँ
पौषितों में भी नहीं हूँ
रोषितों जैसा नहीं पर
समन्दर मंथन नहीं हूँ
तय विजय न हार हूँ मैं
खुला यमका द्वार हूँ मैं
हर घडी जो मिट रहा है
स्वप्नमय संसार हूँ मैं