Wednesday, April 25, 2018

ताले की चाबी कितनी हैं

खुली नही इन बाबाओं की
कुत्सित करतूतें जितनी हैं
बाबा की बॉबी कितनी हैं
ताले की चाबी कितनी हैं

बचे रह गए अभी बहुत से
महलनुमा आश्रम बनाये
लम्बी महंगी गाड़ी वाले
ठीक दुपहरी हरम चलाएं

ढूंढो यारो उनको भी तो
पाप करें फिरभी बच जाए
ऐसे छैले अभी अनेकों
हुकूमत हाकिम मीत बनाये

इनके चरण नही वन्दन कर
जिनके आचरण नही सुहाये
बन्द करो गुणगान भगतजी
जो भी चाहे गुरु बन जाये

Sunday, April 22, 2018

पाँव सने कीचड़ में

पाँव सने कीचड़ में यारो
अभी अभी बरसात थमी है
खाते पीते बीत गया दिन
ख़्वाबों में हर रात कटी है

रंग नहीं समर भूमि जग
हाथ मेरे तलवार सही है
चुकता हुए अभी कुछ बाकी 
काल लिए संग हाथ बही है 

किसने धक्का देकर भेजा
लतियाते आये क्या लेकर
क्यों आये थे कब जायेंगे
हर लब ने ये बात कही है