Thursday, May 31, 2018

जुर्माना यारो किसीका भर देखो

दोस्त यारो में एब मत ढूंढों
देखना है तो कोई हुनर देखो

सफ़र में नया सफ़र तलाशो मत
सफ़र में मेरे यार अपना घर देखो

सोचने में कट गयी तमाम उम्र
सोचना क्या कुछतो यार कर देखो

मिले सुकून दिलको आत्मा को भी
जुर्माना यार किसीका भर देखो

दरबदर ठोकरें खाते हो क्यों
गलत लगे कोई दूसरी डगर देखो

महूब्त ठीक तो नहीं साहेब
हर किसीपे हो रहा असर देखो  

जुबां खामोश बोलना दुश्वार लगे
यार की बोलती हुई नज़र देखो

वफ़ा का ढूंढना कहाँ मुश्किल
नज़र में डालकर नज़र देखो