लिखने से रोटी चलती है
लिखने पे गाली खाता हूँ
मैं भक्त नहीं हूँ मोदी का
मैं आज तुम्हें बतलाता हूँ
लिखने पे गाली खाता हूँ
मैं भक्त नहीं हूँ मोदी का
मैं आज तुम्हें बतलाता हूँ
अब मेरी छोड़ कहो अपनी
क्यों भौंक रहे पट्टा पहने
न कज़री जैसी बात करू
ना मोदी सा इतराता हूँ
क्यों भौंक रहे पट्टा पहने
न कज़री जैसी बात करू
ना मोदी सा इतराता हूँ
माया ममता पप्पू लालू
मैं सबपे कलम चलाता हूँ
सरहद न खींची है कोई
बेधड़क कहीं भी जाता हूँ
मैं सबपे कलम चलाता हूँ
सरहद न खींची है कोई
बेधड़क कहीं भी जाता हूँ
मैं दिलकी बाते करता हूँ
मैं दिलसे तुम्हे सुनाता हूँ
अपनी तो छोटी हस्ती है
फिरभी पहचाना जाता हूँ .
मैं दिलसे तुम्हे सुनाता हूँ
अपनी तो छोटी हस्ती है
फिरभी पहचाना जाता हूँ .
मैं लिखके बातें करता हूँ
मन ही मन में गुर्राता हूँ
मीठी पुड़िया से काम चले
तो टीका नहीं लगाता हूँ .
मन ही मन में गुर्राता हूँ
मीठी पुड़िया से काम चले
तो टीका नहीं लगाता हूँ .