Sunday, November 23, 2014

हम होश में नहीं हैं .

अल्लाह का कर्म है
कोई कमी नहीं है .
पाने को कुछ नही था
खोने को कुछ नहीं है .

रहते किसीके दिल में
अपना तो घर नही है
हम खो गये हैं यारो -
कोई खबर नही हैं .


इस भीड़ में जहाँ की
सब ऐसे खो गये हैं .
वो भी नही मिले अब
हम भी कहीं नहीं हैं .


इस वक्तकी नजर से
यूँ पूरी सदी गुजरी .
कुछ पल ठहर गये हैं
जाते कहीं नहीं हैं .


वो फर्श से उठे और
आकाश हो गये हैं .
सब सो गये हैं सपने
उठते ये क्यों नहीं हैं .

जाने क्या लिख गया मैं
जाने क्या पढ़ गया तू .
तुम होश में हो प्यारे
हम होश में नहीं हैं .

Friday, November 14, 2014

प्यारसे यार तू बिदा कर ना .

लौटकर मैं जरुर आऊंगा -
प्यारसे यार तू बिदा कर ना .

मंजिलें कब किसी की होती हैं
तेरी ख्वाहिश है तो चलाकर ना .

हवाओं से जंग ठानी है -
फिर पत्ते की तरह हिला करना .

रूठ जाती है जब तकदीर मेरी -
फिर आपसे क्या गिला करना .

बहूत छोटा सा शहर है अपना -
आते जाते मिल लिया करना .

Saturday, November 8, 2014

हमारे साथ चलता क्यों नही

गरीबों का खुदा कहते हैं लोग
अमीरों से तू जलता क्यों नही
जो मेरा हमसफ़र है हमनवां -
हमारे साथ चलता क्यों नही .

स्वर्ण मंदिर में तेरा वास है -
मुझसे दूर जाने किसके पास है .
मिलोगे एक धूमिल आस है -
कभी घरसे निकलता क्यों नही .

रोज कहता हूँ अपनी दास्ताँ
सुनाता हूँ तू सुनता क्यों नही .
मेरी आँखों में टूटे ख्वाब हैं -
नया कोई ख्वाब बुनता क्यों नही .

ना तू अनजान ना मैं अजनबी
फिर तू मेरी सुनता क्यों नही .
मेरी आँखों से आंसू बह रहे -
तू पत्थर दिल पिघलता क्यों नही .