Saturday, February 1, 2014

तू ही - मेरी मांग भर दे .

भक्त हैं सारे यहाँ - 
भगवान् को कैसे पुकारूं .
हे प्रभु तेरी छवि को -
एकटक कैसे निहारूं . 

देख लेंगे लोग सारे 
राम जाने क्या विचारें .
तू अकेला है कन्हैया - 
गोपियाँ तो हम हैं सारे .

सोच लेना - फिर कहीं
हमसे ना कहना .
तेरा दूभर हो कहीं वैकुण्ठ में
पटरानियों के संग रहना .

रख तेरा वैकुण्ठ अपने पास
वीतरागी हूँ ना रखता आस
बस मुझे इतना सा वर दे
हर जन्म में भक्ति रस से
तू ये मेरी मांग भर दे .