Saturday, June 4, 2016

ना कडुआ हूँ ना दागी हूँ .

तेरे सपने तेरे ही हैं -
मैं इनका दावेदार नहीं .
आ जाएँ मेरी आँखों में -
मैं इसका जिम्मेदार नहीं .

जो झूठ कहूं तो भागी हूँ .
ना चाहूँ कुछ तो त्यागी हूँ .
खट्टा मीट्ठा सा फल यारो -
ना कडुआ हूँ ना दागी हूँ .

मेरी छोटी सी अर्जी है
आगे फिर तेरी मर्जी है .
पाने की आस रखे कोई
वो प्यार नहीं खुदगर्जी है .

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