Thursday, June 16, 2016

यार अब और क्यों खता करना

मुझे दुनिया रुला नहीं सकती
खुदा ने कह दिया हंसाकर ना
दीया सूरज बहुत हैं जलने को
किसीसे तू नहीं जला कर ना

मुझसे ना पूछ प्यार किनसे है
उसी से जाके तू पता करना .
बिछुड़ना लाज़मी लगे तुमको
जबभी जाए मुझे बता कर ना

मेरा रस्ता मंजिल तू ही तो है
फायदा क्या मुझे सताकर ना
माफ़ सब होगये कसूर मेरे -
यार अब और क्यों खता करना

धूल चढ़ जाती है रिश्तों पर भी
झाड़ फानूस सब सफा कर ना
फासले दरमियान दफा कर ना
तू सुबह शाम मिल लिया कर ना

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