हो कितना फासला लेकिन -
वो हरदम पास होती है .
जमानत की वो मेरी -
हर जगह दरखास्त होती है .
खून हैं माफ़ सारे यार
तुमसे कह नहीं सकता -
हिसाबे इश्क में गलती -
कहाँ बर्दाश्त होती है .
वो हरदम पास होती है .
जमानत की वो मेरी -
हर जगह दरखास्त होती है .
खून हैं माफ़ सारे यार
तुमसे कह नहीं सकता -
हिसाबे इश्क में गलती -
कहाँ बर्दाश्त होती है .
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