चल पड़े हैं कारवां मंजिल पे देखो
जिन्दगी है खेल कोई अब ना हारे.
जाने कैसे आगये आँखों में आंसू -
तूने दिलसे आज जाने क्या कहा रे .
मेघ फिरसे आ गये सागर किनारे
अश्क आँखों से ना यारा तू बहा रे .
युक्तियों से मुक्तियों की बात झूठी
एक कतरा बूँद से सागर बना रे .
अश्क आँखों से ना यारा तू बहा रे .
युक्तियों से मुक्तियों की बात झूठी
एक कतरा बूँद से सागर बना रे .
करना दिलको यार तूभी अनमना रे
प्यार कविता है ना कोरी कल्पना रे .
प्यार कविता है ना कोरी कल्पना रे .
मत कहो आकाश में कोहरा घना रे
छोड़ धरती नभमें अपना घर बना रे .
छोड़ धरती नभमें अपना घर बना रे .
No comments:
Post a Comment