नफरतों की फसल ही जब काटनी
प्यार के मैं बीज बोकर क्या करूँ
मैं पथिक अनजान सूनी राह का -
प्रेम में तेरा मैं होकर क्या करूँ .
रोकिये मत राह बढ़कर तुम मेरी -
जब नहीं मेरे तो रुकके क्या करूँ
क्षितिज के उसपार जाना है मुझे -
तितलियों के पंख लेकर क्या करूँ .
किसीका इंतज़ार अब नहीं
सारी दुनिया बिसार बैठे हैं
जिसे आना है आ जाओ यार
हम तो बाहें पसार बैठे हैं .
हमसफ़र कोई ना सही -
पर सफ़र अच्छा रहा .
उम्र भर सुनते रहे कहा कुछभी नहीं
कोशिशें की बहूत हुआ कुछभी नहीं .
सफ़र दर सफ़र में रही जिन्दगी यारो -
घुमक्कड़ी खूब रही मिला कुछभी नहीं .
ख्यालो में मस्तीकी धूप आने दो
शील अश्लील कुछ नहीं जाने दो .
चलो ऐसे सही -
ना वैसे सही .
कटे ये जिन्दगी -
चाहे जैसे सही .
हरेक बात पर ताना -
हरेक पलका हिसाब
ना किया इश्क मैंने -
नौकरी कर ली तेरी .
कहूं चाहे ना बतलाऊं -
मैं लौटूं या नहीं आऊं .
वो मुझको खोज लेती है
कहीं भी मैं चला जाऊं .
आंधियां सी जो चलती
पौन है वो .
मुखर सा बोलता सा
मौन है वो .
जरा सोचो बताओ
कौन है वो ?
प्यार के मैं बीज बोकर क्या करूँ
मैं पथिक अनजान सूनी राह का -
प्रेम में तेरा मैं होकर क्या करूँ .
रोकिये मत राह बढ़कर तुम मेरी -
जब नहीं मेरे तो रुकके क्या करूँ
क्षितिज के उसपार जाना है मुझे -
तितलियों के पंख लेकर क्या करूँ .
किसीका इंतज़ार अब नहीं
सारी दुनिया बिसार बैठे हैं
जिसे आना है आ जाओ यार
हम तो बाहें पसार बैठे हैं .
हमसफ़र कोई ना सही -
पर सफ़र अच्छा रहा .
उम्र भर सुनते रहे कहा कुछभी नहीं
कोशिशें की बहूत हुआ कुछभी नहीं .
सफ़र दर सफ़र में रही जिन्दगी यारो -
घुमक्कड़ी खूब रही मिला कुछभी नहीं .
ख्यालो में मस्तीकी धूप आने दो
शील अश्लील कुछ नहीं जाने दो .
चलो ऐसे सही -
ना वैसे सही .
कटे ये जिन्दगी -
चाहे जैसे सही .
हरेक बात पर ताना -
हरेक पलका हिसाब
ना किया इश्क मैंने -
नौकरी कर ली तेरी .
कहूं चाहे ना बतलाऊं -
मैं लौटूं या नहीं आऊं .
वो मुझको खोज लेती है
कहीं भी मैं चला जाऊं .
आंधियां सी जो चलती
पौन है वो .
मुखर सा बोलता सा
मौन है वो .
जरा सोचो बताओ
कौन है वो ?
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