बीन किसीकी गीत किसीका
कबतक नाचेंगा फणधर सा .
अपनी लय ना अपना सुर है
कुंडली अपनी खोल जम्हूरे .
कबतक नाचेंगा फणधर सा .
अपनी लय ना अपना सुर है
कुंडली अपनी खोल जम्हूरे .
कुछ तो लबसे बोल जम्हूरे
पोल सभी की खोल जमूरे .
जिन्दा बाद नहीं ओरों की -
अपनी भी जयबोल जम्हूरे .
पोल सभी की खोल जमूरे .
जिन्दा बाद नहीं ओरों की -
अपनी भी जयबोल जम्हूरे .
फुंफकारों से काम चले ना
विषकी तुझमे कमी नहीं है
शेषनाग पर टिकी धरा है -
विषधर तू दोमुही नहीं है .
विषकी तुझमे कमी नहीं है
शेषनाग पर टिकी धरा है -
विषधर तू दोमुही नहीं है .
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