Monday, October 27, 2014

तू भी बेटा हुआ सवाली

चली हवा यूँ बुझे दीये सब
बुझे दीये तो गयी दीवाली .
सबकी झोली भरी ख़ुशीसे
क्या सारे अब गमसे खाली .

चिंता ना कर होली आई
फिर जाए तेरी कंगाली .
नही मानता दिल भी मेरी
तू भी बेटा हुआ सवाली .

दरदर भटके मांगे मन्नत
सबकी झोली कितनी खाली .
मंदिर या मस्जिद आई तो
गर्दन अपनी वहीँ झूका ली .

आया था क्या लेकर पगले
आज गयी कल आने वाली .
आज है तेरी कल किसी की
दुनिया कहीं ना जाने वाली .

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