Saturday, November 8, 2014

हमारे साथ चलता क्यों नही

गरीबों का खुदा कहते हैं लोग
अमीरों से तू जलता क्यों नही
जो मेरा हमसफ़र है हमनवां -
हमारे साथ चलता क्यों नही .

स्वर्ण मंदिर में तेरा वास है -
मुझसे दूर जाने किसके पास है .
मिलोगे एक धूमिल आस है -
कभी घरसे निकलता क्यों नही .

रोज कहता हूँ अपनी दास्ताँ
सुनाता हूँ तू सुनता क्यों नही .
मेरी आँखों में टूटे ख्वाब हैं -
नया कोई ख्वाब बुनता क्यों नही .

ना तू अनजान ना मैं अजनबी
फिर तू मेरी सुनता क्यों नही .
मेरी आँखों से आंसू बह रहे -
तू पत्थर दिल पिघलता क्यों नही .

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