Sunday, December 18, 2016

अबे पागल हो गया है

अबे पागल हो गया है -
ये तख्ते - दिल्ली है .
सरकार नहीं बनी अभी
कुर्सी कहाँ मिली है .

कैसे जोड़ बिठाऊं -
बप्पा मानेगे नहीं
अम्मा को ही पटाऊँ
मुमकिन हैं एकबार तो
सीएम बन जाऊं .

पले पलाये सांड -
हम जैसे - प्रायोजित
सरकारी भांड -
कहाँ मिलते हैं .

हम तो मुफ्त में
गोद जाने को तैयार है
बस आपसे इल्तिजा -
इतनी सी मेरी सरकार है .

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