रास्ते तकते इरादे -
भटकनों से प्यार भी है .
गलत अंदाज़े लगा मत
घर भी है घरबार भी है .
भटकनों से प्यार भी है .
गलत अंदाज़े लगा मत
घर भी है घरबार भी है .
थोड़ी दिल में है कसक
और थोडा एतबार भी है
मंजिले खोयी कभी ना -
मंजिलों से प्यार भी है .
और थोडा एतबार भी है
मंजिले खोयी कभी ना -
मंजिलों से प्यार भी है .
धूप छाई है जमी पर -
शाम खोयी है यहीं पर
रात की बातें करों मत
यामिनी गद्दार भी है .
शाम खोयी है यहीं पर
रात की बातें करों मत
यामिनी गद्दार भी है .
चाँद तकता है जहाँ पर
चांदनी फैली कहाँ पर .
उजालों से दोस्ती है -
अंधेरों से रार भी है .
चांदनी फैली कहाँ पर .
उजालों से दोस्ती है -
अंधेरों से रार भी है .
No comments:
Post a Comment