Wednesday, November 9, 2016

ढूंढ ले मुझको हर जगह हूँ मैं

तेरी हिफाज़त में ही लुटा हूँ मैं
पूछ मत कौनसी जगह हूँ मैं .
ठिकाना कोई एक ठौर नहीं -
ढूंढ ले मुझको हर जगह हूँ मैं .

दूर रह वर्ना जल जाओगी
देख जलती अगन चिता हूँ मैं .
नफरतें ढूँढने नहीं जाओ -
प्रेम पीड़ा में मर मिटा हूँ मैं .

तेरे हिस्से के गम उठायें हूँ
कौन कहता है ग़मज़दा हूँ मैं .
ख़ुशी सा आया बिन बुलाये हूँ
सभी कहते छलावा बला हूँ मैं .

ढूंढ लेते जो दिलमे तड़प होती -
उसी जगह हूँ कहाँ हिला हूँ मैं .
तेरे वज़ूद में हर कहीं छिपा हूँ मैं
क्या बताऊँ अब कहाँ कहाँ हूँ मैं .

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