Saturday, November 19, 2016

कैसे बजे सितार .

जनता भूखी भेड है
नेता रँगे सियार .
चांटे से कुछ न बने
जूते मार उतार .

चलते चलते थक गये
देख करम की मार .
गांधी बदरंग हो गये
कैसे होए उद्धार .

चाहे जैसे जीत हो
दिल ना माने हार .
उतर उतर के चढ़ रह्यो
जैसे जूडी बुखार .

कजरी एकल गीत है
ना गाये दो बार .
झूठे बेसुर गीत हैं
कैसे बजे सितार .

No comments:

Post a Comment