Thursday, August 25, 2016

आज से सारा मेरा कश्मीर है .

हम उठे - आकाश बौना सा लगे
धरा जाने क्यों बिछौना सा लगे .
काम मुश्किल ना लगे जग में कोई
जगत बच्चों का खिलौना सा लगे .

हो रहा है वो जो होना सा लगे
ना हुआ - संशय सलौना सा लगे
हवा से हल्का हुआ है दिल मेरा
ख्वाब माला में पिरोना सा लगे .

ना कोई तकदीर ना तदबीर है
आज मेरे हाथ में शमशीर है
अरि टकराया तो सीना चीर है
आज से सारा मेरा कश्मीर है .

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