Tuesday, October 27, 2015

जिन्दगी बोझिल नही कुछ सार होना चाहिए .

जीतने और हारने में कट गयी सारी उम्र -
जिन्दगी बोझिल नही कुछ सार होना चाहिए .
यार हमदम सेंकडों हो जंग हो चाहे अमन .
रार कितनी हो दिलोंमें प्यार होना चाहिए .
पत्थरों के बीच काई जम रही है दोस्तों
सफाई अभियान का प्रसार होना चाहिए .
हूक सी उठती कलेजे में अरि के दोस्तों -
जमके फिरसे मोदी का प्रचार होना चाहिए .
फिर कोई दुश्मन उठाके आँख ना देखे हमें
अब ना दुश्मन से कोई व्यवहार होना चाहिए .
पक्षको कसकर रखे प्रतिपक्ष कुछ ऐसा बने
आम जनता का भी पैरोकार होना चाहिए .
बात में हो दम तवज्जो आपकी चाहूँगा मैं
शब्द में हो धार - ना बेकार होना चाहिए .

No comments:

Post a Comment