Thursday, June 18, 2015

मत अंगारों से तुम खेलो .

अडवानी हम सच कहते जी
अब ज्यादा मत इतराओ जी  .
रुखी सुखी खा मस्त रहो -
मोदीजी के गुण गाओ जी  .

चिंता में उम्र घटी जाती -
नहीं शीतल होती है छाती
ये भीषण समरकी बेला में
क्यों राजनीति तुमको भाती .

जब छोड़ दिया है सिंघासन
तू भीष्म पिता बनजा प्यारे .
जब अच्छे अच्छे हार गये
पर तेरे शौक अजब न्यारे .

गाओ अब मंगल गीत यार -
मोदी से दीक्षा तुम ले लो . .
जब सबके चौपट भेद खुले
मत अंगारों से तुम खेलो .

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