लटकाये पैर कबरमें अपने -
सपनों को सेते रहिये .
शर शैया तेरी सेज भली -
चुपचाप यूँहीं लेटे रहिये .
क्या उखाड़ लिया था
जो अब उखाड़ लोगो .
अटल - अटल थे प्रभु
तुम टलो तो अच्छा है .
सपनों को सेते रहिये .
शर शैया तेरी सेज भली -
चुपचाप यूँहीं लेटे रहिये .
क्या उखाड़ लिया था
जो अब उखाड़ लोगो .
अटल - अटल थे प्रभु
तुम टलो तो अच्छा है .
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