मैं इतना भी लाचार नहीं -
करनी कोई मनुहार नहीं .
जो जैसा हूँ वो दिखता हूँ .
अनमोल बड़ा ना बिकता हूँ
बस दिल की बातें कहता हूँ
जो मनमें आये लिखता हूँ .
बात तुमसे एक कहनी है मुझे -
मेरे सपनों में भी आता है कोई .
सामने दिखता नजर आता नहीं -
मैं नहीं लिखता लिखाता है कोई .
रिश्तों के ताने बाने हैं -
अब किसने और निभाने हैं .
पीछे सब हैं उलझे धागे
चल छोड़ यार चलें आगे .
ना राधासी ना मीरासी
ना मोतीसी ना हीरासी .
मिली जो ठीक है यारो -
वो हल्दीसी वो जीरासी .
सफ़रमें ही रहे खोले कहाँ हैं .
अभी असबाब सारे पैक हैं जी .
बुलावे मौत की चिंता नहीं है -
मुसाफिर हूँ उठे और चल देंगे .
मैं कोई कवि नहीं दोस्त
ये चंद शब्दों के अंश हैं .
कविता से नहीं लगते -
मात्र कविता के अपभ्रंश हैं .
आज खुद ये कह रहा हूँ
मैं नदीसा बह रहा हूँ
हुई तूफानों की छुट्टी -
अटल तट बन रह रहा हूँ .
मेरी चिंता मत करो प्रिय -
इस दिलको मैं बहला लूँगा
पलकों की भूल भूलैया में
सपना बनके खो सकते हो .
बिगड़ा अबभी कुछ नहीं यार -
जिसके चाहे हो सकते हो .
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