गुज़रते गुज़रते गुज़र ही गयी जी
सुहाना सफ़र अब सुहाना नहीं है .
सड़क के किनारे खड़े होके खाना
अब मक्की के भुट्टोंमें दाना नहीं है .
सुहाना सफ़र अब सुहाना नहीं है .
सड़क के किनारे खड़े होके खाना
अब मक्की के भुट्टोंमें दाना नहीं है .
बढा पेट मैं गोल सा हो गया हूँ -
था सॉलिड अब खोलसा हो गया हूँ
सधे बांस की बांसुरी था कभी मैं
मगर यार अब ढोल सा हो गया हूँ .
था सॉलिड अब खोलसा हो गया हूँ
सधे बांस की बांसुरी था कभी मैं
मगर यार अब ढोल सा हो गया हूँ .
वो मस्ती नही वो तराना नही है -
हंसी साथ का अब बहाना नहीं है .
रंगे बाल हँसते हैं सूरत पे मेरी -
नाती कहे ये मेरे - नाना नहीं है .
हंसी साथ का अब बहाना नहीं है .
रंगे बाल हँसते हैं सूरत पे मेरी -
नाती कहे ये मेरे - नाना नहीं है .
थे सपने वो कबके सफ़र कर गये हैं
बच्चे हमे - 'बूढों के घर' कर गये हैं
मुश्किल से दिलको मैं बहला रहा हूँ
दिलेनादां ये अपना ज़माना नहीं है .
बच्चे हमे - 'बूढों के घर' कर गये हैं
मुश्किल से दिलको मैं बहला रहा हूँ
दिलेनादां ये अपना ज़माना नहीं है .
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