Monday, September 22, 2014

मुंहसे पहले दाद देते जाइए

रूठ जाते हैं जरा सी बात पर 

रूठने का इक बहाना चाहिए .


जो बुलाने पर कभी आये नहीं 


क्या हमें उनको बुलाना चाहिए .



ठहरने को कौन बोलेगा हजुर 


आपको रुकना नहीं तो जाइए 


जूतियों में दाल बटती है यहाँ


शौकसे खाने का मन तो खाइए . 



इश्कका चूरण बटेगा बाद में


मुफ्त में जुलाब लेते जाइए .


हाथ से जूता चलाना बाद में 


मुंहसे पहले दाद देते जाइए .

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