बा मुलाईजा होशियार -
सीपी का सेंट्रल पार्क .
और दिन रविवार .
नजारा ऐ इश्क दरबार .
सस्ता चीनी प्रेम इज़हार
सुबह से शाम तक
बहारे रौनक -
गुले गुलज़ार .
कुछ कुनमुनाते -
कसमसाते भोगी .
कुछ लठ फटकारते -
सरकारी योगी .
कुछ भुनभुनाते बडबडाते -
सोचते से भुनगे - यार
ये क्यों हुए -
हम क्यों ना हुए .
सीपी का सेंट्रल पार्क .
और दिन रविवार .
नजारा ऐ इश्क दरबार .
सस्ता चीनी प्रेम इज़हार
सुबह से शाम तक
बहारे रौनक -
गुले गुलज़ार .
कुछ कुनमुनाते -
कसमसाते भोगी .
कुछ लठ फटकारते -
सरकारी योगी .
कुछ भुनभुनाते बडबडाते -
सोचते से भुनगे - यार
ये क्यों हुए -
हम क्यों ना हुए .
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