Wednesday, August 20, 2014

लवमान बदलते रहते हैं

ना हुस्न कहीं - वो इश्क नहीं 
जो जाना पहचाना सा हो .
कोई बहूत पुरानी नहीं बात -
जो राधा और - कान्हां सा हो .

बदला ना वक्त वही तो है -
धरती नभ सूरज चाँद वही 
यौवन भी सब पर आता है .
है प्रेम वही संविधान वही .

लवमान बदलते रहते हैं
अरमान बदलते रहते हैं
नित भक्त बदलते रहते हैं
भगवान् बदलते रहते हैं .

कोई दिलकी बात नहीं यारो -
सुविधा भी देखीं जाती हैं .
सूरज ना निकले तो अलावमें
आँखें सेकी जाती हैं .

वैसे कुछ ऐसी बात नहीं .
वो होता था ये होता है .
बस नाव एक ही होती है -
सवार बदलते रहते हैं .

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