Monday, June 9, 2014

अलग सा हूँ नहीं लेकिन

ना कोई पूछता हमको
ना अपनी राय जानी है .
वही अंदाज़ हैं अपने -
वही फिदरत पुरानी है .

कसम खाके जो कहता हूँ
वो यारो झूठ कहता हूँ .
कोई कहता रहे कुछ भी -
मैं अपनी धून में रहता हूँ .

किराए दार हूँ यारो
किराया दे नहीं सकता .
जेब रहती सदा खाली -
नया घर ले नहीं सकता .

बड़ा ही आम सा मैं हूँ
कौनसी तू भी रानी है .
नया कुछ भी नहीं यारा -
कहानी ही पुरानी है .

अलग सा दिख रहा हूँ मैं
अलग सा हूँ नहीं लेकिन .

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