Tuesday, June 10, 2014

ले चल नाविक धीरे धीरे .

प्राण बांसुरी -
धीमे सुर हैं .
पांवों में जब
बजे नुपुर हैं .

रूम झुम - 
झन्न झन्न 
बाज रहें हैं -
गीत मधुर सुर - 
साज रहें हैं .

मन आनंद -
हैं दुःख अनंत -
तू खे चल नौका
दूजे तीरे -

पतवारों का
शोर नहीं हो
ले चल नाविक 

धीरे धीरे .

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