मन चिंतित -
उल्लास बहूत हैं
दूर खड़े अब
पास बहूत हैं .
जीवन पर -
विश्वास बहूत है .
कोई अपना -
ख़ास बहूत है .
ना सपना -
अंतर में कोई .
जागी पीर -
नहीं मैं सोयी .
गम का साथ
नहीं मैं रोई .
जो होना है -
हो जाए पर -
अनहोनी -
होए ना कोई .
सपनो के -
सब झूठे -
सच है -
पर जीने के
यही कवच हैं .
अपनी पीड़ा
अपनी होई
मेरी पीर -
ना जानी कोई .
उल्लास बहूत हैं
दूर खड़े अब
पास बहूत हैं .
जीवन पर -
विश्वास बहूत है .
कोई अपना -
ख़ास बहूत है .
ना सपना -
अंतर में कोई .
जागी पीर -
नहीं मैं सोयी .
गम का साथ
नहीं मैं रोई .
जो होना है -
हो जाए पर -
अनहोनी -
होए ना कोई .
सपनो के -
सब झूठे -
सच है -
पर जीने के
यही कवच हैं .
अपनी पीड़ा
अपनी होई
मेरी पीर -
ना जानी कोई .
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