Tuesday, May 6, 2014

लिखो थोडा गूढ़ .

काका काकी पर कहो -
मित्र खा गए जान .
अम्मा का युग चल रहा
कैसे छेड़ें तान .

ना भैया भाभी कहीं
ना कोई बकरी स्वान
दीदी जीजाजी भले -
बबुआ तू पहचान .

ना मोदी सा है कोई
ना सोनी सी शान
बाबू कजरीवाल की
गयी फ्री में जान .

लल्लू जैसा बावला
नहीं मिलेगा नेक .
बाल ब्रह्मचारी रहूँ
ये है उनकी टेक .

काकी बोली तमक कर
तुम हो पूरे मूढ़ .
सीधा सीधा ना लिखो
लिखो थोडा गूढ़ .

No comments:

Post a Comment