Tuesday, May 27, 2014

ना कोई गॉड फादर है .

गलत अंदाज़ हो चाहे 
सही जज्बात से देखो .
मुझे जो देखना है तो 
मेरे हालात से देखो .

ना कोई आव आदर है 
हर तरफ ही अनादर है .
हूँ मैं मजदूर का बेटा 
ना कोई गॉड फादर है .

ना बिरला हूँ ना टाटा हूँ
ना अम्बानी ना बाटा हूँ .
कहीं भी ढूंढ लो मुझको
ओनियन हूँ बटाटा हूँ .

ना कोई ब्रांड है अपना -
छुओ ना मैं अछूता हूँ .
बिना दमड़ी बिना चमड़ी
बड़ा लोकल सा जूता हूँ .

मैं देसी आम हूँ यारो
ना कोई काम आमों को .
अगर अपनी पे आ जाऊं
बदल देता निजामो को .

No comments:

Post a Comment