Friday, April 11, 2014

राम जाने क्या सही है .

बात उसने भी कहीं थी .
बात मैंने भी कही है .
कौन जाने क्या गलत है 
राम जाने क्या सही है .

खुदसे खुद को जानना है 
अब कोई आना नहीं है . 
प्यार के आवाम नापे .
कोई पैमाना नहीं है .

सब गलत होते नहीं हैं .
मैं गलत हूँ मानता हूँ .
फिर जिरह क्यों ठानता हूँ .
यक्ष प्रश्नों से जो जूझे
क्यों युधिष्ठर अब मैं
खुद को मानता हूँ .

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