रूप लिपटा साड़ियों में
धूल बैठी झाड़ियों में .
खून बहता नाडीयों में
बोतलों में ताडियों में .
लोग चलते गाड़ियों में
नाव चलती खाड़ियों में .
दोस्त रहते जंगलों में
शहर जीता पारियों में .
फूल खिलते क्यारियों में
रूप जीता नारियों में .
प्यार मिलता किश्त में
और ब्याज देते गालियों में .
क्या अजब ये ढंग यारो -
क्या गज़ब की बात यारो
बदलते मौसम प्रतिपल
धूप में बरसात यारो .
धूल बैठी झाड़ियों में .
खून बहता नाडीयों में
बोतलों में ताडियों में .
लोग चलते गाड़ियों में
नाव चलती खाड़ियों में .
दोस्त रहते जंगलों में
शहर जीता पारियों में .
फूल खिलते क्यारियों में
रूप जीता नारियों में .
प्यार मिलता किश्त में
और ब्याज देते गालियों में .
क्या अजब ये ढंग यारो -
क्या गज़ब की बात यारो
बदलते मौसम प्रतिपल
धूप में बरसात यारो .
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