Thursday, April 10, 2014

धूप में बरसात यारो .

रूप लिपटा साड़ियों में 
धूल बैठी झाड़ियों में .
खून बहता नाडीयों में
बोतलों में ताडियों में . 

लोग चलते गाड़ियों में 
नाव चलती खाड़ियों में .
दोस्त रहते जंगलों में 
शहर जीता पारियों में .

फूल खिलते क्यारियों में 
रूप जीता नारियों में .
प्यार मिलता किश्त में

और ब्याज देते गालियों में .

क्या अजब ये ढंग यारो -
क्या गज़ब की बात यारो
बदलते मौसम प्रतिपल
धूप में बरसात यारो .

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