कभी थपकियाँ दे सुलाते हो
मुझे जागने नहीं देते .
ऊँगली पकड़ धीरे चलते हो -
मुझे भागने नहीं देते .
कभी गहरी नींद से -
झिंझोड़ आवाज़ दे जगाते हो
कभी गैर से कभी
मेरे नितांत अपने बन जाते हो .
आज तक मैं नहीं जान पाया
प्रभु मैं क्या चाहता हूँ -
और तुम क्या चाहते हो .
मुझे जागने नहीं देते .
ऊँगली पकड़ धीरे चलते हो -
मुझे भागने नहीं देते .
कभी गहरी नींद से -
झिंझोड़ आवाज़ दे जगाते हो
कभी गैर से कभी
मेरे नितांत अपने बन जाते हो .
आज तक मैं नहीं जान पाया
प्रभु मैं क्या चाहता हूँ -
और तुम क्या चाहते हो .
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