Tuesday, April 15, 2014

जिन्दगी माटी नही ये

जिन्दगी माटी नही ये 
जिन्दगी सोना नहीं है .
चाहे जैसी भी है प्यारे 
पर इसे खोना नहीं है .

लिजलिजी बेकार भी है 
जीत भी है हार भी है .
नफरतों की बात मतकर 
प्यार है मनुहार भी है .

भीड़ है तन्हाईयाँ भी -
रूप की अमराइयाँ भी .
ना कोई सीढ़ी सड़क ये
खंदकें हैं खाइयां भी .

ख्वाब मीठे हैं मगर -
यूँ नींद भर सोना नहीं है .
टूट जाए ख्वाब कोई -
उम्र भर रोना नहीं है .

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