एक सुंदर आसमां हो
और सुंदर सी धरा हो
बीचमें हम तुम कहीं हों
बादलों का कारवां हों .
चाहे खिलती धूप हो या
कोहरा चाहे घना हो .
खिलखिलाती सी हंसी
रोना जहाँ बिलकुल मना हो .
चाहता हूँ तोड़ लाऊं
आज सब अम्बर के तारे
जैसे राधा श्याम की है
हम भी हो जाएँ तुम्हारे .
चांदनी ज्यों चाँद की है
तुम भी ऐसी प्रीत पाओ .
मीत पाओ - गुनगुनाओ
दूर हो कुछ पास आओ .
जुगनुओं की चमक से
प्रकाश तो होता नहीं है .
चाहता है दिल बहूत पर
काश क्यों होता नहीं है .
और सुंदर सी धरा हो
बीचमें हम तुम कहीं हों
बादलों का कारवां हों .
चाहे खिलती धूप हो या
कोहरा चाहे घना हो .
खिलखिलाती सी हंसी
रोना जहाँ बिलकुल मना हो .
चाहता हूँ तोड़ लाऊं
आज सब अम्बर के तारे
जैसे राधा श्याम की है
हम भी हो जाएँ तुम्हारे .
चांदनी ज्यों चाँद की है
तुम भी ऐसी प्रीत पाओ .
मीत पाओ - गुनगुनाओ
दूर हो कुछ पास आओ .
जुगनुओं की चमक से
प्रकाश तो होता नहीं है .
चाहता है दिल बहूत पर
काश क्यों होता नहीं है .
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