Tuesday, November 19, 2013

घाटियाँ सुंदर बहूत हैं

घाटियाँ सुंदर बहूत हैं - 

मखमली अहसास भी है 


दूर की वो कल्पना सी - 


आज कितनी पास भी है .


है जुबाँ भी मौन - 


अब किससे कहें ये कौन -


सुंदर तुम हो - 


या फिर घाटियाँ ये .

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