यही बेकसी है - यहाँ वहां
रहे जिन्दगी - यही सवाल है .
ना गलत सही की तू बात कर
ना ये हराम है ना हलाल है .
वही पसरी हुई है दूर तक
है खुदा कहीं ना कमाल है .
ना रुपया कम ना रियाल है
वही भूख है वही ख्याल है .
खुली लूट है ना ही छूट है
ना ही नोच है ना खसूट है .
कडा काजियों का है रुख यहाँ
ये हुकूमत खुद एक सवाल है .
रहे जिन्दगी - यही सवाल है .
ना गलत सही की तू बात कर
ना ये हराम है ना हलाल है .
वही पसरी हुई है दूर तक
है खुदा कहीं ना कमाल है .
ना रुपया कम ना रियाल है
वही भूख है वही ख्याल है .
खुली लूट है ना ही छूट है
ना ही नोच है ना खसूट है .
कडा काजियों का है रुख यहाँ
ये हुकूमत खुद एक सवाल है .
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