Wednesday, October 23, 2013

जिन्दगी

जिन्दगी ख्वाब होता तो टूट जाता कबका
सच थी इसलिए तो अब तलक जिन्दा हूँ .

जिन्दगी मजाक होती तो हंस लिए होते .
जो जाल होती तो कबके फंस लिए होते .

जिन्दगी आज़ादी है - बंधन भी है
लिपटे सांप और गंध चन्दन भी है .

ये मौका जो - अभी तो हाथ में है
जिन्दगी हाथ पकडे मेरे साथ में है .

फिर मिलेगी दुबारा यकीं नहीं होता
कौन जाने फिर  -मिले ना मिले कभी .

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