ना अपना - कोई पराया है
प्रभु ने भी यही सुनाया है .
लड़ जा अपने जो गैरों से
गीता में यही बताया है .
राजा है पर प्रजापिता नहीं
पंछी 'पर' हैं - पर उड़ा नहीं
कागा बोली सब बोल रहे -
हंसों का अतापता नहीं .
भीक्षा में जो स्वराज मिला
वो कल मिला ना आज मिला
जो मरे जिनावर खाते हैं -
वो ही कव्वे कहलाते हैं .
स्वाधीन हुए - पर सपना है
माना हाकिम भी अपना है .
खाने पीने की हौड बहूत -
जो खालो वो ही अपना है .
सब अंग्रेजी में गाते हैं
छैला बनकर इतराते हैं .
क्या वक्त आगया है यारो
कव्वे भी मोती खाते हैं .
स्वदेशी बात पुरानी है
परदेसी सही निशानी है .
घर महके देसी भोजन से
पर बाहर पिज़्ज़ा खानी हैं .
देसी से हम भी नहीं रहे
चीनी भाई सब कहीं रहें
पूजा के आले से लेकर
हम देसी वाले नहीं रहे .
गाँधी रोता है जन्नत में
आंधी* रोती है मन्नत में .
ये चला चली का मेला है
जी जाए कुंवर अकेला है .
प्रभु ने भी यही सुनाया है .
लड़ जा अपने जो गैरों से
गीता में यही बताया है .
राजा है पर प्रजापिता नहीं
पंछी 'पर' हैं - पर उड़ा नहीं
कागा बोली सब बोल रहे -
हंसों का अतापता नहीं .
भीक्षा में जो स्वराज मिला
वो कल मिला ना आज मिला
जो मरे जिनावर खाते हैं -
वो ही कव्वे कहलाते हैं .
स्वाधीन हुए - पर सपना है
माना हाकिम भी अपना है .
खाने पीने की हौड बहूत -
जो खालो वो ही अपना है .
सब अंग्रेजी में गाते हैं
छैला बनकर इतराते हैं .
क्या वक्त आगया है यारो
कव्वे भी मोती खाते हैं .
स्वदेशी बात पुरानी है
परदेसी सही निशानी है .
घर महके देसी भोजन से
पर बाहर पिज़्ज़ा खानी हैं .
देसी से हम भी नहीं रहे
चीनी भाई सब कहीं रहें
पूजा के आले से लेकर
हम देसी वाले नहीं रहे .
गाँधी रोता है जन्नत में
आंधी* रोती है मन्नत में .
ये चला चली का मेला है
जी जाए कुंवर अकेला है .
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